अक्षरगण-वृत्ते
वा.न.सरदेसाई ह्यांनी हाताळलेली अक्षरगण-वृत्ते .
वृत्त क्र. |
वृत्ताचे नाव ————————– |
लगावली ——————————————————– |
गझल ———————————————— |
व्हिडिओ ————– |
०१. | हिरण्यकेशी | जिथे जिथे मी | आहे | |
०२. | संयुत | ललगालगा x २ | ||
०३. | राधा | गालगागा x ३ + गा | ||
०४. | कामिनी | गालगाल x २ + गा | ||
०५. | देवप्रिया | गालगागा x ३ + गालगा | वाजली त्यांचीच तोंडे | आहे |
०६. | आनंदकंद | गागाल गालगागा x २ | ||
०७. | कलिंदनंदिनी | लगालगा x ४ | रुजू जरी दिलेस तू . . . | आहे |
०८. | प्रमीला | लगागा x ३ | ||
०९. | देवराज | गालगाल x ३ + गालगा | पापणी भिजू नये | आहे |
१०. | प्रमाणिक | लगालगा x २ | पुन्हा कधी | आहे |
११. | व्योमगंगा | गालगागा x ४ | फूल का त्यांना मिळावे | आहे |
१२. | कलापति | गालगाल x ३ + गा | एक जे सुरेख फूल . . . | आहे |
१३. | रागिणी | गालगा ललगालगा x २ | ते वसंत जरी किती . . . | आहे |
१४. | मेनका | गालगाल x २ + गालगा | हा जरी रस्ता चुकीचा | आहे |
१५. | पाणिबंध | [ l गालगाल l गाललगा ! गालगाल l गाललगा ] ( छंदोरचना पान १८६ ) | माझिया मनामधुनी | आहे |
१६. | सौदामिनी | लगागा x ३ + लगा | ||
१७. | मानसभंजनी | गाललगा लगालगा x २ | आज नटून का हवा . . . | आहे |
१८. | मदिराक्षी | ललगागा ललगागा ललगा | ||
१९. | स्रग्विणी | गालगा x ४ | ||
२०. | वसुंधरा | लगालगा गागागा x २ | ||
२१. | विभावरी | लगालगा x ३ | समोरचे न सैन्य | आहे |
२२. | वियत् गंगा | लगागागा लगागागा लगागागा लगागागा
|
मनापासून | आहे |
२३. | मंजुघोषा | गालगागा x ३ | ||
२४. | वैशाख | गागाल गालगाल लगागाल गालगा | ||
२५. | वीरलक्ष्मी | गालगा x ३ | ||
२६. | हिमांशुमुखी | लगाललगा x ४ | ||
२७. | महामाया | लगागागा x २ | ||
२८. | शालिनी | गागागागा गालगा गालगागा | ||
२९. | श्येनिका | गालगाल गालगाल गालगा | ||
३०. | प्रसूनांगी | लगागागा x ३ | ||
३१. | वनमाला | ललगागा लगालगा ललगा | ||
३२. | भुजंगप्रयात | लगागा x ४ | ||
३३. | स्नेहलता | गाललगा x २ + गालगा | ||
३४. | शुभकामी | गागालल x ३ + गा गा | ||
३५. | सारंग | गागाल x ४ | ||
३६. | मयूरसारिणी | गालगालगा लगालगागा ( छंदोरचना पान क्र.१४७ ) (किंवा , ‘ भृंगावर्त ‘ मोडणीगालगाल गालगाल गा s गा ) ( छंदोरचना पान क्र.१८० ) |
कैद मी तुझ्या | आहे |
३७. | इंद्रवंशा | गागालगागा ललगालगा लगा | ||
३८. | भामिनी | गालगा गालगा गालगा गा | मी तुला माळण्या फूल न्यावे | आहे |
३९. | रम्याकृति | गागाल लगागाल लगागा | ||
४०. | सुकामिनी द्विरावृत्ता | गालगाल गालगा x २ | का सुखासुखी | आहे |
४१. | जलोद्धतगती | लगालललगा x २ | वसंत नयनांत . . . | आहे |
४२. | उपेंद्रवज्रा | लगालगागा ललगालगागा | ||
४३. | मंदाकिनी | गागालगा x ४ ( छंदोरचना पान २८२ ) | जो जो वठाया लागलो | आहे |
४४. | विबुधप्रिया | गालगालल x 3 + गालगा ( छंदोरचना १७५ )
गालगा + ललगालगा x 3 ( वृत्तदर्पण ) |
गोड ओझरते . . . | आहे |
४५. | रंगराग | गालगाल गागागा x २ | ||
४६. | प्रेय | गाललगा गालगा x २ | ह्या नगरीच्या कशा . . . | आहे |
४७. | मयूरी | गागागा गागागा गागागा गा( गणः म,म.म.ग) | ||
प्रतिक्रिया टाका
प्रतिक्रिया पाठवण्यासाठी आत जा