काही हायकू : कवी वा. न. सरदेसाई
क्र. |
हायकू——————————————- |
|||
०१. |
मी फूल खुडलं |
|||
०२. |
दूर पडलेली लख्ख नदी |
|||
०३. |
दुपारचं ऊन्ह |
|||
०४. |
निळे जांभळे दूरचे डोंगर |
|||
०५. |
पुष्कळ चमकतायत तारे |
|||
०६. |
कुणाशी बोलू नये |
|||
०७. |
इथून साप सळसळत गेलाय् |
|||
०८. |
हिरव्या रंगावर लालशेंदरी ठिपके |
|||
०९. |
आकाशावर कविता रेखाटणार होतो |
|||
१०. |
पानांनी हलू नये |
|||
११. |
चालताना ठेच लागली |
|||
१२. |
कुंपणावर सांदीकोपर्यात |
|||
१३. |
घाई करतायत |
|||
१४. |
हिरवळीवर फुलं डोलतायत |
|||
१५. |
संथ नदीच्या तव्यावर |
|||
१६. |
सूर्यकिरणांचे कोवळे भाले |
प्रतिक्रिया टाका
प्रतिक्रिया पाठवण्यासाठी आत जा