क्र. | ( चेहर्याची चंद्रकोर ) गझल | वृत्त / छंद | गण , लगावली , मोlणी / लक्षणे इ. | सूचना |
१ | जिथे जिथे मी रहात . . | हिरण्यकेशी | l लगालगागा l लगालगागा l लगालगागा l लगालगागा | |
२ | दिन संपले इथले . . | संयुत | ललगालगा l ललगालगा | |
३ | एकदाची आज माझी . . | राधा | गालगागा l गालगागा l गालगागा l गा | |
४ | राहिले अजून आमचे . . | कामिनी | l गालगाल l गालगाल l गा | |
५ | वाजली त्यांचीच तोंlे . . | देवप्रिया | गालगागा l गालगागा l गालगागा l गालगा | |
६ | ते जे तसे निराळे झाले . . | आनंदकंद | गा, गालगाल , गागा ! गा, गालगाल , गागा | |
७ | रुजू जरी दिलेस तू . . | कलिंदनंदिनी | लगालगा l लगालगा l लगालगा l लगालगा | |
८ | महापूर येऊन गेला . . | प्रमीला | लगागा l लगागा l लगागा | |
९ | पापणी भिजू नये . . | देवराज | l गालगाल l गालगाल l गालगाल l गालगा | |
१० | पुन्हा कधी असाच ये . . | प्रमाणिका | लगालगा l लगालगा | |
११ | काय, आयुष्यामधे मी . . | व्योमगंगा | गालगागा l गालगागा ! गालगागा l गालगागा | |
१२ | चालता थकेन मी न . . | कलापति | l गालगाल l गालगाल l गालगाल l गा | अनुक्रमणिकेत ह्या गझलेचे फक्त शिर्षक बदलायचे आहे . |
१३ | ते वसंत जरी किती . . | नेत्रदा | गालगा ललगालगा गालगा ललगालगा | |
१४ | हा जरी रस्ता चुकीचा . . | मेनका | गालगागा l गालगागा l गालगा | |
१५ | माझिया मनामधुनी . . | पाणिबंध | l गालगाल l गाललगा ! गालगाल l गललगा | |
१६ | नको ते कशाला . . | सौदामिनी | लगागा l लगागा l लगागा l लगा | |
१७ | आज नटून का हवा . . | मानसभंजनी | l गाललगा l लगालगा ! गाललगा l लगालगा | |
१८ | बघते वाट कधीची . . | मदिराक्षी | l ललगागा l ललगागा l ललगा | |
१९ | काळजीच्या चेहर्यांनी . . | देवप्रिया | गालगागा l गालगागा l गालगागा l गालगा | |
२० | कोण फुंकून गेले . . | स्रग्विणी | l गालगा l गालगा l गालगा l गालगा | |
२१ | मुक्त कसे गेत नवे . . | मानवती | गाललगा गाललगा गाललगा | मूळ २१ नंबरची गझल ” फुलेच वेचायाचे ” ही आता १३५ क्रमांकावर टाकायची आहे .२१ नंबरच्या गझलेच्या जागी एक नवीन गझल टाकायची . |
२२ | समोरचे न सैन्य . . | विभावरी | लगालगा l लगालगा l लगालगा | |
२३ | मनापासून कोणाला . . | वियत् गंगा | लगागागा l लगागागा l लगागागा l लगागागा | |
२४ | अंतरीचे बंl मी . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
२५ | मी काल एकटाच . . | वैशाख | [ गा , गालगाल , गालल l गा , गालगाल , गा ] | |
२६ | टाळले माणसांचे . . | वीरलक्ष्मी | l गालगा l गालगा l गालगा | |
२७ | कl्याकुलपांत . . | हिमांशुमुखी | लगाललगा l लगाललगा ! लगाललगा l लगाललगा | |
२८ | तुफाने येउनी गेली . . | महामाया | लगागागा l लगागागा | |
२९ | अर्धे गेले दूर . . | शालिनी | गागागागा ! गालगागालगागा | |
३० | हे सुरम्य शस्त्र . . | श्येनिका | l गालगाल l गालगाल l गालगा | |
३१ | नको आता कुणाचेही . . | प्रसूनांगी | लगागागा l लगागागा l लगागागा | |
३२ | भिजती गात गात . . | वनमाला | l ललगागा l लगालगा l ललगा | |
३३ | मोकळ्या माझ्या . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
३४ | तुझ्या अंतरीचे . . | भुजंगप्रयात | लगागा l लगागा l लगागा l लगागा | |
३५ | रान फुलांनी उजळू . . | स्नेहलता | l गाललगा l गाललगा l गाSलगा | |
३६ | थोlे सुख आताच . . | शुभकामी | l गागालल l गागालल l गागालल l गागा | |
३७ | आज आयुष्य का . . | स्रग्विणी | l गालगा l गालगा l गालगा l गालगा | |
३८ | पुशीत आसवे जशी . . | कलिंदनंदिनी | लगालगा l लगालगा l लगालगा l लगालगा | |
३९ | एक मी खुळ्यातली . . | श्येनिका | l गालगाल l गालगाल l गालगा | |
४० | वाटेत ना एकही . . | सारंग | गागाल l गागाल l गागाल l गागाल | |
४१ | कैद मी तुझ्या मनात . . | मयूरसारिणी | [ l गालगाल l गालगाल l गाSगा ] | |
४२ | ही प्रतीक्षा संपण्याचे . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
४३ | वार्यास कोणी पकlून . . | इंद्रवंशा | गागालगागा l ललगालगालगा | |
४४ | मी तुला माळण्या फूल . . | भामिनी | l गालगा l गालगा l गालगा l गा | |
४५ | विश्वास जरी टाकत . . | रम्याकृती | l गागालल l गागालल l गागा | |
४६ | का सुखासुखी झुरू . . | सुकामिनी द्विरावृत्ता | गालगाल गालगा गालगाल गालगा | |
४७ | वसंत नयनांत तू . . | जलोद्धतगती | l लगालललगा ! लगालललगा | |
४८ | ही कशी आयुष्य . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
४९ | तुला हवे ते घlतेच . . | उपेंद्रवज्रा | लगालगागा l ललगालगागा | |
५० | जो जो वठाया . . | मंदाकिनी | गागालगा l गागालगा l गागालगा l गागालगा | |
५१ | येथे कोणीही कोणाचे . . | मयूरी | गागागागा गागागागागागा ( वृत्त दर्पण ) गण : म म म ग | |
५२ | गोl ओझरते तसे . . | विबुधप्रिया | गालगालल l गालगालल l गालगालल l गालगा | |
५३ | वारसा देऊन जावे . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
५४ | फूल का त्यांना मिळावे . . | व्योमगंगा | गालगागा l गालगागा ! गालगागा l गालगागा | |
५५ | जरी आज भाग्यात . . | भुजंगप्रयात | लगागा l लगागा l लगागा l लगागा | |
५६ | सांlते भल्यांची अब्रूच . . | रंगराग | l गालगाल l गागागा ! गालगाल l गागागा | |
५७ | ह्या नगरीच्या कशा . . | प्रेय | गाललगा l गालगा ! गाललगा l गालगा | |
५८ | मी जनातला टाळतो . . | चांदणे | गण : र , य , य , ग ( उस्फूर्त – स्वतंत्र +क्षरगणवृत्त ) | मूळ गझ्ल क्र. ५७ नंतर ह्याच विभागात लगेचच नवीन गझल टाकायची आहे . त्या गझलचा क्रमांक नवीन ५८ असेल . |
| XXXX | XXXX | XXXX | |
५९ | पुन्हा न चांदणे असे . . | प्रभाव | लगालगा l लगालगा l लगालगा l लगा | |
६० | अंतरातुनी रंगताच . . | कामदा | [ l गालगाल l + l l गालगाल l + ] | |
६१ | मी जुनी टाकून आलो . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
६२ | ना आरशाला धl . . | वैखरी | गागालगा l गागालगा l गागालगा | |
६३ | मन मला जागेपणी . . | कादम्बरी | गालगागा l गालगा | |
६४ | हसण्यात तुझ्या . . | तोटक | लल l गाललगालल l गाललगा | |
६५ | सावलीला ऊन का . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
६६ | पुन्हा मोहरावे . . असे . . | सोमराजी | लगागा l लगागा | |
६७ | कोणी म्हणेल , की . . | विद्द्युल्लता | गा , गालगाल , गागा ! गा, गालगाल, गा | |
६८ | शेवटी व्हायचे तेच . . | भामिनी | l गालगा l गालगा l गालगा l गा | |
६९ | विसरा आता आठवणींनो . . | कल्याण | l गागागागा l गागागागा l गागागा | |
७० | विरत चाललो . . | शुद्धकामदा | लललगालगा गालगालगा | |
७१ | हीच चर्चा आजही . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
७२ | जीवन म्हणजे स्वप्न . | रुक्मवती | l गाललगागा ! गाललगागा | |
७३ | ध्येय माझे जर इथे . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
७४ | चंद्रास आजही हे . . | प्रमद्दरा | गा , गालगाल , गा ! गा , गालगाल , गा | |
७५ | राहिले रे , अजून श्वास . . | लज्जिता | गालगागा लगालगा गागा | |
७६ | माझ्या जिव्हारी तो . . | स्वानंदसम्राट | गागाल l गागा ! गागाल l गागा | |
७७ | नक्षत्रांची मैफल . . | माल्यश्री | l गागागागा l गागागागा l गागागा | |
७८ | जीवना , पुरेत चोचले . . | श्येनिका | l गालगाल l गालगाल l गालगा | |
७९ | फक्त खोट्यालाच . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
८० | कळीला त्रास होता . . | सुकेशी | लगागागा l लगागा | |
८१ | मी सदाकदा खोटे . . | रंगराग | l गालगाल l गागागा ! गालगाल l गागागा | |
८२ | दु:खच कlवे व्हावे . . | मातंगी | l गागागा ! गागागा | |
८३ | जिवंत होतो म्हणून . . | सती + जलौघवेगा | लगालगागा लगालगागा लगालगागा | |
८४ | सर्व यंत्रेच माणसे . . | लज्जिता | गालगागा लगालगा गागा | |
८५ | ओठ शिवलेल्या टिपेवर . . | राधा | गालगागा l गालगागा l गालगागा l गा | |
८६ | गावी अखेर आता . . | विद्द्युल्लता | गा , गालगाल , गागा ! गा, गालगाल, गा | |
८७ | सुखाचे सोबती आहेत . | मृगाक्षी | लगागागा l लगागागा l लगागा | |
८८ | जे नको ती माणसे . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
८९ | भिजत होती पापणी . . | मेनका | गालगागा l गालगागा l गालगा | अनुक्रमणिकेत ह्या गझलेचे फक्त शिर्षक बदलायचे आहे . |
९० | गझलवेlी आज . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
९१ | कोरl्या lोळ्यांत . . | राधा | गालगागा l गालगागा l गालगागा l गा | |
९२ | मी असा दिसलो तरी . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
९३ | तू आलीस रानी . . | मेधावी | गागागाल l गागागाल l गागागा | |
९४ | दुर्जन म्हणजे रोगच | श्रीलीला | l गागागा l गागागा ! गागागा l गागागा | अनुक्रमणिकेत ह्या गझलेचे शिर्षक बदलायचे आहे . |
९५ | जितता न ये , हरता . . | मानसहंस | ललगालगा l ललगालगा l ललगालगा | |
९६ | हे का कुणी फुलांना . . | विद्द्युल्लता | गा , गालगाल , गागा ! गा, गालगाल, गा | |
९७ | हे कधीचे कफन . . | मंजुघोषा | गालगागा l गालगागा l गालगागा | |
९८ | वाटे , सहवासात . . | पद्मावर्त | l गागागागा l गागागागा l गागा | |
९९ | आता जरी आरशात . . | सती + जलौघवेगा | लगालगागा लगालगागा लगालगागा | मूळ गझ्ल क्र. ९६ नंतर त्याच विभागात लगेचच नवीन गझल टाकायची आहे . ती गझल अशी . त्या गझलचा क्रमांक नवीन ९९ असेल . |
| XXXX | XXXX | XXXX | |
१०० | lोळ्यांत चंद्र तुझिया . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१०१ | गावात आज हे ते . . | विनोद | [ गा l गालगाल l + ] | |
१०२ | धोरण्यांशी वागण्याची . . | मध्यरजनी | [ l गालगागा l गालगागा l गालगागा l गालगा+ ] २८मात्रा | |
१०३ | लपवून ठेवण्याचा . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१०४ | कल्पना नसता असेही . . | मध्यरजनी | [ l गालगागा l गालगागा l गालगागा l गालगा+ ] २८मात्रा | मूळ गझ्ल क्र. १०० नंतर लगेचच नवीन गझल टाकायची आहे . ती गझल अशी . त्या गझलचा क्रमांक नवीन १०४ असेल . |
१०५ | जरासे घाव टाकीचे . . | जीवकलिका | [ लगागागा l लगागागा l लगागागा l लगागा+ ] | |
१०६ | भारावल्या चितेचा . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१०७ | वाहवा ! दुनियाच सारी . . | कालगंगा | [ l गालगागाl गालगागा l गालगागा l गाल+ ] | |
१०८ | आयुष्य संपवाया क्षण . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१०९ | मी तशी माघार घेणे . . | मध्यरजनी | [ l गालगागा l गालगागा l गालगागा l गालगा+ ] २८मात्रा | |
११० | मी श्वास श्वास माझे . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१११ | असे सामान खोलीभर . . | जीवकलिका | [ लगागागा l लगागागा l लगागागा l लगागा+ ] | मूळ गझ्ल १०७ च्या जागी नवीन गझल टाकायची आहे . ती गझल अशी . त्या गझलचा क्रमांक नवीन १११ असेल .मूळ १०७ नंबरची गझल ही आता १५४ क्रमांकावर टाकायची आहे . |
११२ | रंगवा मैफल तुम्ही . . | मध्यरजनी | [ l गालगागा l गालगागा l गालगागा l गालगा+ ] २८मात्रा | |
११३ | तेही ठरून गेले . . मीही . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
११४ | वाटले इकlे तरी . . | मध्यरजनी | [ l गालगागा l गालगागा l गालगागा l गालगा+ ] २८मात्रा | |
११५ | विश्वास केवढा हा . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | मूळ गझल क्रमांक ११० आणि १११ च्या मध्ये , म्हणजे ११० नंतर नवीन गझल टाकायची आहे . ती अशी . आता तिचा क्रमांक ११५ असेल . |
११६ | असा एकांत तार्यांना . . | जीवकलिका | [ लगागागा l लगागागा l लगागागा l लगागा+ ] | |
११७ | अमुच्यात जन्मताची . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
११८ | बोट लावून जो तो . . | वरमंगला | [ गालगा l गालगा l गालगा l गालगा ] | |
११९ | माझ्याच चेहर्याला . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१२० | कागदी तुमच्या फुलांना . . | मध्यरजनी | [ l गालगागा l गालगागा l गालगागा l गालगा+ ] २८मात्रा | |
१२१ | जोlण्यासाठी जरी मी . . | कालगंगा | [ l गालगागाl गालगागा l गालगागा l गाल+ ] | |
१२२ | जे वाटते नवे , ते . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१२३ | मी न मायेने कधी . . | मध्यरजनी | [ l गालगागा l गालगागा l गालगागा l गालगा+ ] २८मात्रा | |
१२४ | रस्त्यास बेत माझा . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१२५ | सवयीमुळे तर हृदयही . . | वल्लभा | [ गागालगा l गागालगा l गागालगा l गागाल+ ] | |
१२६ | माझ्या खर्या घराची . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१२७ | वाकण्यापेक्षा मला मी . . | मध्यरजनी | [ l गालगागा l गालगागा l गालगागा l गालगा+ ] २८मात्रा | |
१२८ | आयुष्यभर सुखाच्या . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | अनुक्रमणिकेत ह्या गझलेचे फक्त शिर्षक बदलायचे आहे . |
१२९ | कोणती बाराखlी . . | कालगंगा | [ l गालगागाl गालगागा l गालगागा l गाल+ ] | अनुक्रमणिकेत ह्या गझलेचे फक्त शिर्षक बदलायचे आहे . |
१३० | कलहात मी फुलांच्या . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१३१ | तुझ्या पापणीचा इशारा . . | वीणावती | [ l लगागा l लगागा l लगागा l लगा ] | |
१३२ | होतो अबोल तेव्हा . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१३३ | वासंतिक देहावर . . | लवंगलता | [ l प l प l प गा+ ] २८ मात्रा | |
१३४ | सारेच एकतर्फी जेव्हा . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१३५ | जे कधी न जमले . . | विधाता ( हिंदी ) | एकूण मात्रा २८ ( १४ + १४ ) | |
१३६ | फुलेच वेचायाचे जरी . . | दिग्पाल | एकूण मात्रा २८ ( १४ + १२ ) | मूळ २१ नंबरची गझल ” फुलेच वेचायाचे ” ही आता १३५ क्रमांकावर टाकायची आहे . असे करतांना त्या गझलचे वृत्त वसंधरा असे पूर्वी टाकण्यात आले आहे . ते नाव बदलून दिग्पाल असे गझलेच्या वर लिहिणे . |
१३७ | सांज ढळल्यावर मला . . | मालिबाला | [ गा l प l गा+ S गाल l + ] १९ मात्रा | |
१३८ | ओळ जुन्या गाण्याची . . | दासी | [ भृ l भृ l भृ l भृ ] | |
१३९ | आयुष्य मी विजेचे . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | मूळ गझल क्रमांक १३२ आणि १३३ च्या मध्ये , म्हणजे १३२ नंतर नवीन गझल टाकायची आहे . ती अशी . आता तिचा क्रमांक १३९ असेल . |
१४० | जगण्यातच माझ्या . . | भूपति | [ गा l प l प l गा+ ] २२ मात्रा | |
१४१ | बोल , काहीतरी कळू दे . . | भुवनसुंदर | [ उ l प l + ] १४ किंवा १५ मात्रा | |
१४२ | हल्ली हवेतसुद्धा . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | मूळ गझल क्रमांक १३४ आणि १३५ च्या मध्ये , म्हणजे १३४ नंतर नवीन गझल टाकायची आहे . ती अशी . आता तिचा क्रमांक १४२ असेल . |
१४३ | बीजामधले हिरवेपण . . | अनलज्वाला | [ l प l प l प ] एकूण २४ मात्रा . | |
१४४ | ओढाळ कसे हे मन . . | पादाकुलक | एकूण मात्रा १६. [ l प l प ] .यति आठव्या मात्रेवर . | |
१४५ | थेंब नेत्री तुझ्या . . | भूपति | [ गा l प l प l गा+ ] २२ मात्रा | मूळ गझल क्रमांक १३६ आणि १३७ च्या मध्ये , म्हणजे १३६ नंतर नवीन गझल टाकायची आहे . ती अशी . आता तिचा क्रमांक १४५ असेल . |
१४६ | हवा कैफ दु:खातले . . | वंशमणी | [ l प l प l गा + ] २० मात्रा | |
१४७ | आभाळाशी जुळल्या . . | कर्णफुल्ल | [ गा l प l गागागा ] | |
१४८ | का तुझ्या स्मृतींना . . | भूपति | [ गा l प l प l गा+ ] २२ मात्रा | |
१४९ | उपयोगच नव्हता तेव्हा . . | विधाता ( हिंदी ) | एकूण मात्रा २८ ( १४ + १४ ) | |
१५० | इतके सुंदर गीत कसे . . | अनलज्वाला | [ l प l प l प ] २४ मात्रा | |
१५१ | हे दुटप्पी वागणे . . | दिंlी | [ लगा l गागागा l लगा l लगा l गा+ ] किंवा [ गाल l गागागा l गाल l गाल l गा+ ] | |
१५२ | आयुष्य मी कुणाला . . | रसना / विनोद द्विरावृत्ता | [ गा l गालगाल l गा + , गा l गालगाल l गा+ ] | |
१५३ | लाख असता चांदण्या . . | मध्यरजनी | [ l गालगागा l गालगागा l गालगागा l गालगा+ ] एकूण २८ मात्रा . | |
१५४ | कुठून आले मोहक वादळ . . | शुभगंगा | [ l प l प l – – + ] एकूण २२ मात्रा . | मूळ १०७ नंबरची गझल ही आता १५४ क्रमांकावर टाकायची आहे . |
१५५ | लिलावात बोली , सौदे . . | चंद्रकला | [ l प l + , उ l प l + ] एकूण २४ / २५ मात्रा . | |
१५६ | रानोमाळी शिंपित अमृत . . | अनलज्वाला | [ l प l प l प ] एकूण २४ मात्रा . | |
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| दिंlी : पहिल्या भागात प्रथम ३ मात्रांचा एक गण . त्यापुढे ६ मात्रांचा गण . दुसर्या भागात ३ ३ = ६ मात्रा . आणि शेवटी दोन गुरू असावेत . |
| मुस्तजाद गझल – क्रमांक १०६ ,१०७ आणि १३२ | | |
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